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6/08/2016

Pen Drive to Ram Converter




पेनड्राईव्ह को बनाईये रँम
पेनड्राइव को बना सकते हैं रेम. आज मैं आपके लिए एक ऐसी जानकारी लेकर आया हूं जिसको जानकर आपकी खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा।
ये एक ऐसी जानकारी है जिसका नॉलेज बहुतही कम लोगों को होता है। क्या आपको पता है कि जनरल उपयोग में
आने वाले Pendrive को कम्प्यूटर में RAM (flash drive) की तरह

उपयोग में लिया जा सकता है।
ये तो आपको पता ही होगा कि कम्प्यूटर की स्पीड सबसे ज्यादा उसमें लगाई जाने वाली RAM की क्षमता पर निर्भर करती है यदि हमारे कम्प्यूटर में RAM की साइज बहुत ही कम है तो हमारा कम्प्यूटर धीरे चलेगा। ऐसी स्थिति में यदि हम एक्स्ट्रा RAM खरीदेंगे तो कम से कम 1000 से1500 रूपये तक
खर्च हो जाएंगे लेकिन अगर आप अपने Pendrive को RAM
बनाना जानते हो तो आपका ये काम बहुत आसान हो जाएगा।

आओ जानते है कि कैसे बनाया जाता है पेनड्राइव
को रेम

1. सबसे पहले अपने Computer के USBपोर्ट में अपनी pen drive लगाइये !
(पेनड्राइव कम से कम 2
जीबी का होतो अच्छा रहेगा)

2. अब MyComputer के आइकन पर जाकर Right click कीजिये। और Properties विकल्प पर क्लिक कीजिये।

3. एक विण्डो ओपन होगी इसमें Advanced

System Settings पर क्लिक करें।
(यदि आप विण्डोज xp यूज करते हैं तो Advanced tab पर क्लिककरनाहोगा)

4. अब
Advance Tab पर क्लिक कर Settings बटन पर क्लिक कीजिये।

5. Performance Option विण्डो खुलेगी जिसमेंAdvanced tab
पर क्लिक कीजिये। और Virtual memory के अन्दर दिये गए Change बटन पर क्लिक कीजिये।

6. तब एक
विण्डो खुलेगी जिसमें Automatically manage paging file
size for all drives पर टिक (चैकमार्क) अगर लग रहा हो तो इसे हटा दीजिये। अब अपनी pendrive को दी गयी लिस्ट मेंसे सलैक्ट कीजिये।
(जैसे कि मैंने अपनी पैनड्राइव को चुना है)
अब custom size पर क्लिक कीजियेऔर वैल्यू दीजिए जो कि आपकी pendrive के खाली स्पेस के अनुसार दे सकते
हो।
अब सैट बटन पर क्लिक करके ओके बटन पर क्लिक करें।

आपको एक मैसेज प्राप्त होगा जिसमें ओके पर क्लिक करें।
अब एक मैसेज और प्रस्तुत होगा जिसमें RestartNow बटन पर क्लिक करें।

अब आपका कम्प्यूटर जब पुन: चालू होगा तो आपका पेनड्राइव रेम की तरह काम करेगा और
सिस्टम की स्पीड में बहुत ज्यादा फर्क देखने को मिलेगा।

Note -ध्यान रहे कम्प्यूटर जब रिस्टार्ट
हो रहा हो तो पेनड्राइव कम्प्यूटर में लगा हुआ होना जरूरी है।


6/03/2016

What is the operating system



ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है
ऑपरेटिंग सिस्टम एक सिस्टम सॉफ्टवेयर है, जो कम्प्यूटर सिस्टम के हार्डवेयर रिसोर्सेस,जैसे-मैमोरी,प्रोसेसर तथा इनपुट-आउटपुट डिवाइसेस को व्यवस्थित करता है । ऑपरेटिंग सिस्टम व्यवस्थित रूप से जमे हुए साफ्टवेयर का समूह है जो कि आंकडों एवं निर्देश के संचरण को नियंत्रित करता है । ऑपरेटिंग सिस्टम,कम्प्यूटर सिस्टम के प्रत्येक रिसोर्स की स्थिति का लेखा -जोखा रखता है तथा यह निर्णय भी लेता है कि किसका कब और कितनी देर के लिए कम्प्यूटर रिसोर्स पर नियंत्रण होगा । एक कम्प्यूटर सिस्टम के मुख्य रूप से चार घटक हैं -

* हार्डवेयर
* ऑपरेटिंग सिस्टम
* एप्लीकेशन प्रोग्राम
* यूजर्स
ऑपरेटिंग सिस्टम की आवश्यकता
ऑपरेटिंग सिस्टम हार्डवेयर एवं साफ्टवेयर के बीच सेतु का कार्य करता है। कम्पयुटर का अपने आप में कोई अस्तित्व नहीं है । यह केवल हार्डवेयर जैसे की-बोर्ड,मॉनिटर,सी.पी.यू इत्यादि का समूह है। ऑपरेटिंग सिस्टम समस्त हार्डवेयर के बीच सम्बंध स्थापित करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम के कारण ही प्रयोगकर्ता को कम्युटर के विभिन्न भागों की जानकारी रखने की जरूरत नहीं पडती है, साथ ही प्रयोगकर्ता अपने सभी कार्य तनाव रहित होकर कर सकता है यह सिस्टम के साधनों को बांटता एवं व्यवस्थित करता है। है।
ऑपरेटिंग सिस्टम के कई अन्य उपयोगी विभाग होते हैं जिनके सुपुर्द कई काम केन्द्रिय प्रोसेसर द्वारा किए जाते हैं । उदाहरण के लिए प्रिटिंग का कार्य किया जाता है तो केन्द्रिय प्रोसेसर आवश्यक आदेश देकर वह कार्य ऑपरेटिंग सिस्टम पर छोड़ देता है । और वह स्वयं अगला कार्य करने लगता है ।  इसके अतिरिक्त फाइल को पुनः नाम देना, डायरेक्टरी की विषय सूचि बदलना , डायरेक्टरी बदलना आदि कार्य ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा किए जाते हैं । इसके अन्तर्गत निम्न कार्य आते है -

1) फाइल पद्धति:-
फाइल बनाना, मिटाना एवं फाइल एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाना । फाइल निर्देशिका को व्यवस्थित करना
2) प्रक्रिया:-
प्रोग्राम एवं आंकड़ों को मेमोरी मे बांटना एवं प्रोसेस का प्रारंभ करना, प्रयोगकर्ता मध्यस्थ फाइल की प्रतिलिपी ,निर्देशिका , इत्यादि के लिए निर्देश , रेखाचित्रिय डेस्कटाप आदि।
3) इनपुट/आउटपुट:-
मॉनिटर,प्रिंटर,डिस्क आदि के लिए मध्यस्थ।